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मुईन अहसन जज़्बी

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* [[मरने की दुआएं क्यूं मांगूं , जीने की तमन्ना कौन करे<br>/ मुईन अह्सन जज़्बी]]यह दुनिया हो या वह दुनिया अब ख्वाहिश-ए-दुनिया कौन करे <br><br> जब कश्ती साबित-ओ-सालिम थी तब साहिल की तमन्ना किस्को थी<br>अब ऐसी शिकस्ता कश्ती पर साहिल की तमन्ना कौन करे! <br><br> जो आग लगाई थी तुमने उसको तो बुझाया अश्कों से<br>जो अश्कों ने भड़्काई है उस आग को ठन्डा कौन करे <br><br> दुनिया ने हमें छोड़ा * [[मौत / मुईन अह्सन जज़्बी हम छोड़ न दें क्यूं दुनिया को<br>दुनिया को समझ कर बैठे हैं अब दुनिया दुनिया कौन करे <br><br>]]