भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=चाहे जिस शक्ल से / विजय कुमार
}}
'''मौत एक मांदगी का वक्फ़ा है
'''यानी आगे चलकर दम लेंगे !
''' --मीर तक़ी मीर