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वो तो सुबह से सपने जैसा लगता है| <br>पहला प्यार हमेशा सच्चा लगता है|<br><br>
जैसे पीले पत्ते झरते आँगन में, <br>वैसे वो भी उखड़ा-उखड़ा लगता है|<br><br>
नाच दिखाने तौल रहा जो पर अपने,<br>मोर कहीं वो रोया-रोया लगता है|<br><br>
उसकी बातें और करो कुछ और कहो,<br>उसके किस्से सुनना अछ्छा लगता है|<br><br>
इश्क, अदावत, खुशबू, पीड़ा,हँसी, छुअन,<br>बे चहरों के चहरे जैसा लगता है|<br><br>
दिल वाले महसूस करेंगे इसे "विजय",<br>शेर ग़ज़ल का दिल का हिस्सा लगता है|<br><br>