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125 / हीर / वारिस शाह

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झगड़ डूम ते फतू कलाल दौड़े भोला चूहड़ा ते झंडू चाक मियांजा मलकी आखदी सद तूं हीर अगे धुम घतीया ने बची कही उडाई आ खाक मियांतांई झब हो तूं औलिया नाईया वेतेरी मां तेरे उते बहुत गुस्से बाप करेगा मार हलाक मियांरांझा जा तेरे सिर आन बनी नाले आखदी मारीए चाक मियांसियालां फिकर कीता तेरे मारने दा गिणे आपनूं बहुत चलाक मियांतोता अम्ब दी डाली ते करे मौजां ते गुलेलड़ा पौस पटाक मियांचुल्हीं सियालां ने अज न अग पाई सारा कोड़मा बहुत गमनाक मियांअलफू मोचिया मौजमा वागिया वे ढुडू माठिया भज तूं भाईया वेवारस शाह यतीम दे मारने नूं चढ़ी सब झनाउं माही हीर नहीं आई मेहर मंगूआं दी ढाक मियांघरों आईंया वे
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