भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नवरात / माधवी चौधरी

4 bytes added, 14:39, 2 अप्रैल 2017
{{KKCatAngikaRachna}}
<poem>
बडाबडोॅ-बडा बडोॅ पंडाल सेॅ, सजलौ छै परिवेश।
दुर्गापूजा अंग केॅ, छै त्योहार विशेष।।
गोड़ लगै छौं 'माधवी' करो नमन स्वीकार।
भवसागर सेॅ प्राण केॅ, माय लगाबो पार।।
</poem>poe
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,612
edits