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देख के आँसू प्रभु के नयनों में
रोते हुए विकल पुरवासी लिपट गए चरणों में
सुनकर घोर विकलता छायी
धो दें यह कलंक दुखदायी स्वामी ! शेष क्षणों में '
 
देख आँसू प्रभु के नयनों में
रोते हुए विकल पुरवासी लिपट गए चरणों में
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