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Kavita Kosh से
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा<br>
अपनों के विघ्नों ने घेरा<br>
अंतिम जय का वजर् वज़्र बनाने-<br>
नव दधीचि हड्डियां गलाएं।<br>
आओ फिर से दिया जलाएं<br><br>
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