भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
जब मैं विदा हो चली थी
उस घर से इस घर के लिये
पर माँ !मैं माँ और पत्नी के साथ-2साथ
इक बेटी भी हूँ ना…
मुझे भी तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी ही दी हुई
शिक्षा को
तुम भी तो मुझे याद करती होगी माँ !
पर
तुम भी तो घिरी हो
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,100
edits