भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक जोशी 'क्रान्त' |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अशोक जोशी 'क्रान्त'
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-6 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatGhazal}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
तकदीरां री बातां अै
बिण साजण री रातां अै।

वांरै आंगण रोज बिलोणौ
इण घर फगत परातां अै।

सुपना देखा सोनल रा
बस ओळूं री ख्यातां अै।

कीकर जीव पतीजैला
न्यारी-न्यारी न्यातां अै।

सोच-समझ नै पग धरजै
धोळै दिन री घातां अै।

म्हैल घणा ई चौखा है
चूवै घर री छातां अै।

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits