भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
(13)
गांव में नामी चोर होया करतो 'गोरियो'
पक्को पाकेटमार हो, मानेड़ो सटोरियो
गयी खुद री बरात
ढुकाव वाळी रात
नेण करती सासूजी रो तोड़ लियो बोरियो।
 
(14)
पाड़ौसी स्यूं बळ्या करतो जीतसिंह 'जोधा'
सुहाता कोनी पाड़ौसी रै बगीचै रा पौधा
नीयत ही बद
कर दी बण हद
फाटक खोलर बाड़ दिया दो चार गोधा।
 
(15)
पापुलर नेता होता खडग़सिंह 'खारा'
लोगां नारा जद लगाया
नारा सुणर बांरा प्राण बावड़ग्या दुबारा।
 
(16)
'सेकूलर' होया करतो मनीराम 'मान'
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits