भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोनिका शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=था...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मोनिका शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-7 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
म्हारो मन सबदां री
खेती करबो चावै
जणां'ई तो लाग्यो रैवै
सोच रा आखर
अर बा मांय
म्हारो मन चढाणी चावै
बिचारां री बेलड़ी
सोच रा रूंखां माळै
जणां'ई तो हिरदै रै भावां रा
बीज ऊमरां में गेरबां सारू
अर मांयली सोच रा
चितराम उकेर बा खातर
करै अणथक जुगत।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=मोनिका शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-7 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
म्हारो मन सबदां री
खेती करबो चावै
जणां'ई तो लाग्यो रैवै
सोच रा आखर
अर बा मांय
म्हारो मन चढाणी चावै
बिचारां री बेलड़ी
सोच रा रूंखां माळै
जणां'ई तो हिरदै रै भावां रा
बीज ऊमरां में गेरबां सारू
अर मांयली सोच रा
चितराम उकेर बा खातर
करै अणथक जुगत।
</poem>