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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
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<poem>
टाबर सूं
कोई
क्यूं नीं
करै बात
स्यात
इण कारण
कै
टाबर री
हरेक बात में
हुवै सुवाल।
</poem>
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टाबर सूं
कोई
क्यूं नीं
करै बात
स्यात
इण कारण
कै
टाबर री
हरेक बात में
हुवै सुवाल।
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