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समरपण / ॠतुप्रिया

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|संग्रह=सपनां संजोवती हीरां / ॠतुप्रिया
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<poem>

किणी नै
साथै राखणौ ओखौ
अर
किणी रै
साथै रैवणौ ओखौ

पण
आज्यै समरपण भाव
तद
सौ’कीं सोखौ।

</poem>
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