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अभिषेक कुमार अम्बर / परिचय

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अभिषेक कुमार अम्बर उर्फ़ "अम्बर मवानवी" हिंदी और उर्दू साहित्य के एक प्रसिद्ध कवि शायर हैं और गढ़वाली कविताकोश के संस्थापक हैं। यह शायर राजेन्द्र नाथ रहबर के शिष्य हैं। इनकी ग़ज़लों को ग़ज़ल श्रीनिवास आदि गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। अम्बर जी का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मवाना क़स्बा में 07 मार्च 2000 ई० को हुआ। बचपन गांव में बीता तथा प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली में प्राप्त की।
बचपन में दादा जी से कहानियां सुन सुन बड़े हुए जिससे साहित्य में रुझान बढ़ा और 6 से 7वीं कक्षा तक आते आते खुद भी कविताएँ लिखने लगे।
अम्बर जी ने शायरी कहने का सलीक़ा हिंदुस्तान के पंजाब राज्य के
उस्ताद शायर शिरोमणि साहित्यकार श्री [[राजेन्द्र राजेंद्र नाथ 'रहबर']] साहिब से सीखा है, जो जगजीत सिंह द्वारा गाई अपनी नज़्म "तेरे खुशबू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे" के लिए विश्वप्रसिद्ध हैं।
अम्बर जी अपनी शायरी और कविता में जहाँ श्रृंगार की बातें करते हैं वहीं देशभक्ति और समसामयिक मुद्दों पर भी बढ़ चढ़ कर कलम चलाते हैं। अपने विचार बेबाकी से अपनी रचनाओं के द्वारा समाज के सामने रखते हैं।
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