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माँ की इश्वर से मुलाकात हुई या नहीं
कहना मुश्किल है
पर वह जताती थी जैसे इश्वर से उसकी बातचीत होते रहती है
और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार
जिंदगी जीने और दुःख बर्दास्त करने का रास्ता खोज लेती है
माँ ने एक बार मुझसे कहा था दक्षिण की इश्वर से मुलाकात हुई या नहीं<br>तरफ़ पैर कर के मत सोनाकहना मुश्किल है<br>पर वह जताती थी जैसे इश्वर से उसकी बातचीत होते रहती मृत्यु की दिशा है<br>और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार<br>यमराज को क्रुद्ध करनाजिंदगी जीने और दुःख बर्दास्त करने का रास्ता खोज लेती बुद्धिमानी की बात नही है<br><br>
माँ की समझाइश के बाद
दक्षिण दिशा में पैर करके मैं कभी नही सोया
और इससे इतना फायदा जरुर हुआ
दक्षिण दिशा पहचानने में
मुझे कभी मुश्किल का सामना नही करना पड़ा
पर आज जिधर पैर करके सोओं
वही दक्षिण दिशा हो जाती है
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आखों सहित विराजते हैं