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Kavita Kosh से
फँसा रंगीनियों में इश्क के खेलों में वो कैसे।
सुना है कल तलक कलियों पक पे डोरे डालता था वो
मगर अब आ गया है ख़ुद बड़े फंदों में वो कैसे।