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जंगल हमेशा मुझे अविश्वास से देखता हैजैसे वह मेरा छूट गया आदिम प्रेमी हैजो अधिकार न रखते हुए भी यह ज़रूर जानना चाहता हैकि इन दिनों मैं प्रेम की राह पर सन्यासियों की तरह चलती क्या कर रही हूँजीवन की राह पर मृत्यु द्वारा न्योते गए अतिथि की तरह
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