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घर / पूनम अरोड़ा 'श्री श्री'

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न पुत्र हूँ मैं
न पुत्री
एक पेड़ हूँ केवल
ईश्वर के घनत्व से उपजा.

सिंधु घाटी के जल से विचारित
तद्भव और तत्सम शब्दों की लिपि

एकमात्र घर है मेरा.
</poem>
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