भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूनम अरोड़ा 'श्री श्री' |अनुवादक= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पूनम अरोड़ा 'श्री श्री'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
अगर प्रेम एक दरख़्त है
अपनी काया में
तो मैं एक आग्रह पात्र हूँ
तुम्हारी नींद में निर्वाण के खलल का.

मुझे धीमे आवेग में पसंद है
मृत्यु की अनंत भाषा !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,957
edits