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|रचनाकार=रामधारी सिंह "दिनकर"
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[[रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 6|<< पिछला भाग]]
तुच्छ है राज्य क्या है केशव? पाता क्या नर कर प्राप्त विभव?
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