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Kavita Kosh से
इससे पहले कि हर हर्फ़ आँसुओं में धुले,
इससे पहले कि दिल पिघले, लहू हो जाए,
फिर से आँखों में उतर आए, सुखऱ् सुर्ख़ हो जाए।
इससे पहले कि तुम उठो, फिर से खो जाओ,