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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=कविता भट्ट|अनुवादक=|संग्रह=}}{{KKCatHaiku}}<poem>1जीवन पथविगत दुःख घटआशा तुमसे।2नैन विकललिखें पाँती आँसू सेकभी तो बाँच।3पीत-पुष्प सासुमुख मुरझाया अब तो आओ ।4शीत शरद तुम बिन बैरी होकटु मुस्काए।5मीत मन केकभी तो आते तुमस्वप्न बनके ।6सलवटों -सीमन-चादर परविरह व्यथा ।7नित प्रयास'''आँसू बाँचू तुम्हारे'''दे दूँ मैं हास ।-0-</poem>