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[[Category: सेदोका]]
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1सारी ही उम्रबीती समझाने मेंथक गए उपाय,जो था पास मेंवो सब रीत गयायूँ वक्त बीत गया।2ज़हर-बुझेबाण जब बरसेभीष्म-मन आहत,जीना मुश्किलउत्तरायण भी बीतेमरने को तरसे।3जीवन तपचुपचाप सहनाकुछ नहीं कहना,पाई सुगन्धजब गुलाब जैसीकाँटों में ही रहना।4उर में छालेमुस्कानों पर लगेहर युग में ताले,पोंछे न कोईआँसू जब बहतेरिश्तों के बीहड़ में।5मन विकल नयन छलछलबहते विकल,कहते कथासाँझ से भोर तक, जाग सुनती व्यथा ।
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