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1.
आमा रस कस प्रेम हे, गोही कस हे बैर।
गोही तै हर फेक दे, होही मनखे के खैर।।तोरे खैर॥
2.
लालच अइसन हे बला, जेन परे पछताय।
3.
अपन करम गति भोग बे, भोगे हे भगवान।
बिंदा के ओ श्राप ले, बनगे सालिक राम।।राम॥
4.
करम बड़े के भाग हा, जोरव ऐखर ताग।
नगदी पइसा कस करम, कोठी जोरे भाग।।भाग॥
5.
लाश जरत तै देख के, का सोचे इंसान।
ऐखर बारी हे आज गा, काली अपन ल जान।।जान॥
6.
नई होय छोटे बड़े, जग के कोनो काम।
जेमा जेखर लगे मनलगे, ऊही ले लौ दाम।।दाम॥
7.
सक्कर चाही खीर बर, बासी बर गा नून।
कदर हवय सबके अपन, माथा तै झन धून।।धून॥
8.
निदा निन्द ले धान के, खातू माटी डार।
पढ़ा लिखा लइका ल तै, जीनगी ले सवार।।जिनगी अपन सवार॥
9.
महर महर चंदन करय, अपने बदन गलाय।
10.
सज्जन मनखे होत हे, जइसे होथे रूख।
फूलय फरय दूसर बर, चाहे जावय सूख।।सूख॥
11.
12.
गली गली छेकाय अब, रद्दा रेंगव देख।
13.
बनवा लव चैरा चौरा बने, बाजू पथरा गाड़।अऊ घर के पानी निकल दवडार दौ, गली म जावय माड़।।माड़॥
14.
रद्दा छेके तै बने, दूसर बर चिल्लाय।
15.
गली अब कोलकी हे बने, बने न आवत जात।मतलब कोनो ला कहां, मतलबीया जमात।।स्वार्थी हवय जमात॥
16.
17.
18.
19. हर भाखा के कुछु न कुछु, सस्ता महंगा महँगा दाम।अपन दाम अतका रखव, आवय सबके काम।।काम॥
20.
दुखवा के जर मोह हे , माया थांघा जान।
दुनिया माया मोह के, फांदा कस तै मान।।तैं मान॥
21. ये जिनगी कइसे बनय, ये कहूं बिखर कहूं ये जाय।मन आसा विस्वास आशा विश्वास तो, बिगड़े काम बनाय।।बनाय॥
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