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दगड़ू नि रैणू सदानि... दगड़्या....दगड़ू नि रैणू सदानि...
तेरु भाग त्वे दगड़ि, मेरु भाग मै दगड़ि कविताकोष योगदान-- पूजन नेगी --[[सदस्य:Poojan Negi|Poojan Negi]] १९:२३, २३ जून २००९ (UTC)दगड़ि।