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मरजाद / मीठेश निर्मोही

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|संग्रह=आपै रै ओळै-दोळै / मीठेश निर्मोही
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<poem>
थनै थारै सूं ई
जूंझणौ
पड़सी।

खूद सूं
होवणौ
पड़सी
निरपेख।

तद ई
रैसी
थूं
अर
थारी
मरजाद।
</poem>
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