भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बीज / मीठेश निर्मोही

586 bytes added, 09:30, 1 अप्रैल 2018
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]] |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आपै रै ओळै-दोळै / मीठेश निर्मोही
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
पाक्यां धूड़ में मिळै
फेरूं ऊगै, घूंटीजै, तणै
फूलै, फळै अर
फेरूं बीज बणै।

आइज
थारी बांण
औ इज
थारौ धरम
आ इज
थारी मुगती।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits