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कोई बात नीं / ॠतुप्रिया

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|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
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<poem>
कोई चीज
म्हां स्यूं टूटज्यै
तद थूं कैवै
कोई बात नीं

कोई चीज
म्हां स्यूं फूटज्यै
तद थूं कैवै
कोई बात नीं

कोई चीज
म्हां स्यूं ढुळज्यै
तद थूं कैवै
कोई बात नीं

कोई चीज
म्हां स्यूं गमज्यै
तद थूं कैवै
कोई बात नीं

कोई चीज
म्हां स्यूं बळज्यै
तद थूं कैवै
कोई बात नीं

कोई चीज रौ
कित्तौई नुकसान हुज्यै
म्हां स्यूं
तद ई थूं कैवै
कोई बात नीं

कित्तौ भरोसौ है थांनै
म्हां माथै

स्यात थानै
प्रेम हुग्यौ दीसै
म्हां सूं ।
</poem>
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