भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मोल! / ॠतुप्रिया

691 bytes added, 14:58, 3 अप्रैल 2018
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]] |अनुवादक= |संग्रह=ठा’...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]]
|अनुवादक=
|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
मुसाणां रै कन्नै
दाग स्यूं पैली
परम्परा मुजब
पाणी रौ
घडिय़ो फोड़ै

स्यात
घड़ै रै धडक़ै स्यूं
बावड़ ज्यै सांस

क्यंूकै
पैलीआळा लोग
जाणता
मिनख अर
पाणी रौ मोल।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits