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साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जायेगा जाएगा मिल कर बोझ उठाना
साथी हाथ बढ़ाना
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम क़दम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा पर्वत ने शीश झुकाया
फ़ौलादी हैं सीने अपने फ़ौलादी हैं बाहें बाँहें हम चाहें तो पैदा करदेंकर दें, चट्टानों में राहें,
साथी हाथ बढ़ाना
मेहनत अपनी लेख की रेखा मेहनत से क्या डरना
कल गैरों ग़ैरों की खातिर ख़ातिर की अब अपनी खातिर ख़ातिर करना
अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक
अपनी मंजिल मंज़िल सच की मंजिल मंज़िल अपना रस्ता नेक,
साथी हाथ बढ़ाना
एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई बन सकती सकता है पर्वत एक से एक मिले तो इन्सान बस में कर ले किस्मतक़िस्मत,
साथी हाथ बढ़ाना
माटी से हम लाल निकालें मोती लाएँ जल से
जो कुछ इस दुनिया में बना है , बना हमारे बल से कब तक मेहनत के पैरों में ये दौलत की ज़ंज़ीरें ज़ंजीरें
हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनों की तस्वीरें,
साथी हाथ बढ़ाना
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