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रिश्ता जंगल से जो अपना है वो टूटा ही नहीं
जब किसी मोड मोड़ पर खोल कर उड़ता है गुबार<ref>धूल</ref>
और नज़र आता है उसमें कोई मासूम शिकार
जाने क्यों हो जाता है सर पे इक जुनूँ सवार
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