भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
हम नहीं जानते सहरा में जुनूँ के आदाब
प्यास लगती है तो कह उठते हैं दरिया दरिया
जिसकी लहरों ने बनाया था शनावर मुझको
याद आता है बहुत मुझको वो पहला दरिया
</poem>