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बनकर खो जाओगे।
5
कुछ समझा समझ नहीं आता
कितने जन्मों का
मेरा तुमसे नाता ।
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जिस लोक चला जाऊँ
चाहती चाहत इतनी-सी-
तुमको ही मैं पाऊँ।
61
धरती से मिल जाना।
64
अम्बर भी नभ आज अकेला है
प्यासी धरती से
मिलने की बेला है।