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सांग:– चमन ऋषि – सुकन्या (अनुक्रमांक – अनुक्रमांक– 1)
"'''ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां,'''
'''आई आवाज समुन्द्र मै तै, करो तपस्या बण के म्हा ॥टेक॥'''
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