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Kavita Kosh से
'''करके दया बचाले छत्री, भूलु नहीं अहसान तेरा,
'''मेरी आत्मा कहती रहैगी, भला करै भगवान तेरा ।। टेक ।।'''
शरण मै आऐ का दुःख बाटै, छत्री का कर्म कह्या जा सै,