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Kavita Kosh से
कहानी की किताबों में न ढूँढ़ो प्यार का मतलब
ये इक सैलाब है, इसमें किनारे डूब जाते हैं,
नई तहज़ीब है, बाज़ार खुलने पे ये तय होगा