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Kavita Kosh से
जीवन में फाल्गुन,
सुमन खिले ।
हाथों में हाथ
जिजीविषा बढ़ाता
7
मिलते कहीं
शहर है छोटीछोटा - सा
जगह नहीं ।
8
दर्द का रिश्ता
दिल ढूँढ़े जिसको