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खिड़कियाँ बी हैं उदास
खुलण की नहीं बची आस,
पर सच कहूँ ! बेर बेरा नी क्यूंइन सार्याँ नै नै है
हवा पै बिस्वास्।
लाग्गै है सुणैगी सिसकियाँ
'''( हरियाणवी में अनुवाद: डॉ.उषा लाल )
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