भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
[[Category:कविता कोश]]
{{KKGlobal}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi}}|भाषा=भदावरी<br>}}
होरी खेलूँगी श्याम तोते नाय हारूँ <br>
उड़त गुलाल लाल भए बादर, भर गडुआ रंग को डारूँ<br>
होरी में तोय गोरी बनाऊँ लाला, पाग झगा तरी फारूँ<br>
औचक छतियन हाथ चलाए, तोरे हाथ बाँधि गुलाल मारूँ।<br>