भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जितेन्द्र सोनी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=जितेन्द्र सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
काली दानव सी
चिमनियों में
पसीने,
रात की शराब के भभके,
मशीनी घर्षण की दुर्गन्ध
के बीच
तंग मटीले घरों से आए
अधभूखे अधसोए
काम करते
सहमे मजदूरों का
बचाखुचा खून
तिजोरियों में
जमा होता रहता है
और एक दिन
ऐसे में ही
कोई मजदूर
शोषण भट्टी में
खौलते खून से
कर देता है
प्रतिकार का शंखनाद
एक नई दुनिया के लिए !!
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=जितेन्द्र सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
काली दानव सी
चिमनियों में
पसीने,
रात की शराब के भभके,
मशीनी घर्षण की दुर्गन्ध
के बीच
तंग मटीले घरों से आए
अधभूखे अधसोए
काम करते
सहमे मजदूरों का
बचाखुचा खून
तिजोरियों में
जमा होता रहता है
और एक दिन
ऐसे में ही
कोई मजदूर
शोषण भट्टी में
खौलते खून से
कर देता है
प्रतिकार का शंखनाद
एक नई दुनिया के लिए !!
</poem>