भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए / शाहिद कबीर]]
* [[अंदर का सुकूत कह रहा है / शाहिद कबीर]]
* [[कर्ब चेहरे से मह ओ साल को धोया जाए / शाहिद कबीर]]
* [[पुकारती है जो तुझ को तिरी सदा ही न हो / शाहिद कबीर]]
* [[बे-सबब बात बढ़ाने की ज़रूरत क्या है / शाहिद कबीर]]
* [[मैं न हिंदू न मुसलमान मुझे जीने दो / शाहिद कबीर]]
* [[रूह को क़ैद किए जिस्म के हालों में रहे / शाहिद कबीर]]
* [[रेत की लहरों से दरिया की रवानी माँगे / शाहिद कबीर]]
* [[लपक रहे हैं अँधेरे, हवा सुराग़ में है / शाहिद कबीर]]