भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वसीम बरेलवी |अनुवादक= |संग्रह=मेर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वसीम बरेलवी
|अनुवादक=
|संग्रह=मेरा क्या / वसीम बरेलवी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता
वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता
वह दिन गये कि मुहबबत थी जान की बाज़ी
किसी से अब कोई बिछडे तो मर नही जाता
तुमहारा प्यार तो सांसों मे सांस लेता है
जो होता नश्शा तो इक दिन उतर नही जाता
पुराने रिश्तों की बेग़रिज़यां न समझेगा
वह अपने ओहदे से जब तक उतर नही जाता
'वसीम' उसकी तडप है, तो उसके पास चलो
कभी कुआं किसी प्यासे के घर नही जाता
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=वसीम बरेलवी
|अनुवादक=
|संग्रह=मेरा क्या / वसीम बरेलवी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता
वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता
वह दिन गये कि मुहबबत थी जान की बाज़ी
किसी से अब कोई बिछडे तो मर नही जाता
तुमहारा प्यार तो सांसों मे सांस लेता है
जो होता नश्शा तो इक दिन उतर नही जाता
पुराने रिश्तों की बेग़रिज़यां न समझेगा
वह अपने ओहदे से जब तक उतर नही जाता
'वसीम' उसकी तडप है, तो उसके पास चलो
कभी कुआं किसी प्यासे के घर नही जाता
</poem>