भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[अजय अज्ञात]] |अनुवादक= |संग्रह=इज़...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[अजय अज्ञात]]
|अनुवादक=
|संग्रह=इज़हार / अजय अज्ञात
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
जो बीत गया उस पर रोने से क्या होगा
कांधों पर मुर्दों को ढोने से क्या होगा
छूटेंगे नहीं जब तक ये दाग तेरे दिल से
दामन के दाग भला धोने से क्या होगा
उठ जाग जतन कर ले आलस को दूर भगा
दिन-रात नशा कर के सोने से क्या होगा
विपदा की घड़ियों में सीखो संयम रखना
अपना-आपा यूं ही खोने से क्या होगा
‘अज्ञात' तजुर्बा भी जीवन में जरूरी है
बेमौसम बीजों को बोने से क्या होगा
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=[[अजय अज्ञात]]
|अनुवादक=
|संग्रह=इज़हार / अजय अज्ञात
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
जो बीत गया उस पर रोने से क्या होगा
कांधों पर मुर्दों को ढोने से क्या होगा
छूटेंगे नहीं जब तक ये दाग तेरे दिल से
दामन के दाग भला धोने से क्या होगा
उठ जाग जतन कर ले आलस को दूर भगा
दिन-रात नशा कर के सोने से क्या होगा
विपदा की घड़ियों में सीखो संयम रखना
अपना-आपा यूं ही खोने से क्या होगा
‘अज्ञात' तजुर्बा भी जीवन में जरूरी है
बेमौसम बीजों को बोने से क्या होगा
</poem>