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{{KKRachna
|रचनाकार=अनु जसरोटिया
|अनुवादक=
|संग्रह=ख़ुशनुमा / अनु जसरोटिया
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
दिल को नापाक सियासत से बचाए रखिए
इसको ज़िल्लत से ज़लालत से बचाए रखिए
अपना दिल इश्को मुहब्बत से बचाए रखिए
इस अमानत को ख़यानत से बचाए रखिए
लड़की बालों से तहाइफ का तक़ाज़ा न करो
रस्में शादी को तिजारत से बचाए रखिए
जो अदावत में बहुत दूर निकल जाते हैं
ख़ुद को ऐसों की अदावत से बचाए रखिए
उजले दामन को सियाह दाग़ न लग जाए कहीं
अपने दामन को ग़लाज़त से बचाए रखिए
</poem>
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|रचनाकार=अनु जसरोटिया
|अनुवादक=
|संग्रह=ख़ुशनुमा / अनु जसरोटिया
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दिल को नापाक सियासत से बचाए रखिए
इसको ज़िल्लत से ज़लालत से बचाए रखिए
अपना दिल इश्को मुहब्बत से बचाए रखिए
इस अमानत को ख़यानत से बचाए रखिए
लड़की बालों से तहाइफ का तक़ाज़ा न करो
रस्में शादी को तिजारत से बचाए रखिए
जो अदावत में बहुत दूर निकल जाते हैं
ख़ुद को ऐसों की अदावत से बचाए रखिए
उजले दामन को सियाह दाग़ न लग जाए कहीं
अपने दामन को ग़लाज़त से बचाए रखिए
</poem>