भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
* [[मैंने ज़बान खोली तो तूफाँ मचल पड़े / शैलेश ज़ैदी]]
* [[हम तो बस रौशनी साथ लेकर चले / शैलेश ज़ैदी]]
* [[दिल में वफ़ा है आंखों आँखों में बेगानगी भी है / शैलेश ज़ैदी]]
* [[विकल्प कोई नहीं जिंदगी अधूरी है / शैलेश ज़ैदी]]
* [[ज़िन्दगी किराये का मकान बन गयी / शैलेश ज़ैदी]]