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|रचनाकार=रुडयार्ड किपलिंग
|अनुवादक=तरुण त्रिपाठी
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<poem>
जब एक प्रेमी उतावला होकर निकलता है
अपने प्रियतम की तलाश में
ऐज़्रीअल<ref>ईसाई और इस्लाम धर्म में 'मृत्यु के दूत', यमराज</ref> मुसस्कुराते हुए म्यान में डाल देता है अपनी तलवार,
ऊपर से मुस्कुरा पड़ता है स्वर्ग
धरती और समंदर
होते उसके दास
और घूम जाता है दिकसूचक
दूरी करने को कम
कि शीघ्र मिल जाए उसका प्रियतम!
</poem>