भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रात गयी / रंजना वर्मा

467 bytes added, 04:53, 18 मार्च 2019
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शाम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना वर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=शाम सुहानी / रंजना वर्मा
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
रात गयी
मात हुई

सूर्य उगा
प्रात हुई

मित्र मिला
बात हुई

शत्रु मिला
घात हुई

रश्मि खिली
रात गई

</poem>