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मुमकिन है वे और भी पुराने हों
हमारी परिचित भाषा से कहीं ज़्यादा पुराने
लेकिन वे आज भी उतने ही ताज़ा हैं, जितने मक्का के दाने दाने
हालाँकि वे उगे थे पहले-पहल, आज से
दस सहस्त्र साल पहले ।
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