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Kavita Kosh से
अंगूठा निशानोॅ केॅ जड़ोॅ सेॅ मिटैबै।
बनैबै हम्मेॅ शिक्षित परिवार हो
पढ़ै लेॅ जैबै इस्कूल।।इस्कूल।
साक्षर बनबै आरो साक्षर बनैबै
शिक्षा के भावना, जन-जन में जगैबै।
होतै समाज के सुधार हो
पढ़ै लेॅ जैबै इस्कूल।।इस्कूल।
गाँव-गाँव जाय केॅ, नारा लगैबै
घर-घर जाय केॅ, समझैबै-बुझैबै।
शिक्षा सबसें बड़ोॅ हथियार हो
पढ़ै लेॅ जैबै इस्कूल।।इस्कूल।
साक्षरता अभियान केॅ सफल बनैबै
देशोॅ के गौरव-गरिमा बढ़ैबै।
देशोॅ के होतै उद्धार हो
पढ़ै लेॅ जैबै इस्कूल।।इस्कूल।
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