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मेरे परम आत्मीयबहकर अनवरत भी'''पानी रोता नहीं'''तुम्हारी आँखों में छलकाबहुत कुछ कह गयाअधरों पर उतरारस बन बह गयाबन गया लाजसब कुछ सह गयाबना जो उमंग तोमाना नहीं वहहृदय में तुम्हारेबना प्यार निर्मलऔर वहीं रह गया।
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